मणिपुर से लौटे ‘INDIA’ डेलिगेशन ने केंद्र पर साधा निशाना…नरक जैसा जीवन जी रहे मणिपुर के लोग

First Ever News Admin
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Manipur Violence: मणिपुर दौरे पर गए I.N.D.I.A. विपक्षी गठबंधनों का डेलिगेशन अब दिल्ली लौट आया है। बता दें कि 21 सांसद हिंसा प्रभावित राज्य गए हुए थे। दऱअसल मणिपुर दौरे से लौटने से पहले I.N.D.I.A के प्रतिनिधिमंडल गठबंधन ने मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके को एक ज्ञापन सौंपा। वहां से लौटने के बाद कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा- लोगों ने वहां हमारा स्वागत किया, एनडीए गठबंधन और प्रधानमंत्री मोदी को भी मणिपुर का दौरा करना चाहिए।rn

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राजद सांसद मनोज झा ने ये कहा-rn

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बता दें कि मणिपुर से लौटने के बाद राजद सांसद मनोज झा ने कहा- हम चाहते हैं कि मणिपुर में शांति बहाल हो, हमारी एकमात्र मांग है कि दोनों समुदाय सद्भाव से रहें। मनोज झा ने कहा- मणिपुर में स्थिति खतरनाक नहीं है। दरअशल संसद में पहले ही चर्चा हो चुकी है, कि सभी -पार्टी प्रतिनिधिमंडल को मणिपुर का भी दौरा करना चाहिए। rn

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कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने ये कहा-rn

तो वहीं मणिपुर से लौटने के बाद कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा- राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों ही मणिपुर के लिए कोई बड़ा कदम नहीं उठा रही हैं, दिल्ली और यहां तक कि देश के बाहर भी बड़ी-बड़ी बातें की जा रही हैं। इसके बाद कहा कि लोगों के घरों में खाना और दवाइयां नहीं हैं, बच्चों के पास कोई सुविधा नहीं है। चौधरी ने कहा- पढ़ाई के लिए, कॉलेज के छात्र कॉलेज नहीं जा सकते, दो समुदायों के बीच लड़ाई को खत्म करने के लिए कुछ भी नहीं किया जा रहा है, राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने अपनी आंखें बंद कर ली हैं। rn

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ऐसे हुई मणिपुर हिंसाrn

बता दें कि 3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर यानी ATSUM ने आदिवासी एकता मार्च’ निकाला। ये रैली चुरचांदपुर के तोरबंग इलाके में निकाली गई, इसी रैली के दौरान आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच हिंसक झड़प हो गई। जिसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे, 3 मई की शाम तक हालात इतने बिगड़ गए कि राज्य सरकार ने केंद्र से मदद मांगी। बाद में सेना और पैरामिलिट्री फोर्स की कंपनियों को वहां तैनात किया गया।rn

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दरअसल ये रैली मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग के खिलाफ निकाली गई थी। मैतेई समुदाय लंबे समय से अनुसूचित जनजाति यानी एसटी का दर्जा देने की मांग हो रही है, मणिपुर हिंसा में अब तक 150 लोग मारे जा चुके हैं। rn

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