भीमा कोरेगांव केस: 2 आरोपियों को 5 साल बाद 5 शर्तों के साथ सुप्रीम कोर्ट से जमानत

First Ever News Admin
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Bhima Koregaon Case: आज 28 जुलाई को 5 साल सुप्रीम कोर्ट (SC) ने भीमा कोरेगांव केस में दो आरोपियों वेरनन गोंजाल्वेस और अरुण फरेरा को जमानत दे दी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट (SC) के जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने मामले की सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दोनों आरोपियों को कस्टडी में 5 साल हो चुके हैं। उन पर गंभीर आरोप हैं, लेकिन केवल इस आधार पर उन्हें जमानत देने से इनकार नहीं किया जा सकता।rn

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ये हैं सुप्रीम कोर्ट (SC) की 5 शर्तें rn

दरअसल सुप्रीम कोर्ट की 5 शर्तें के अनुसार दोनों आरोपी महाराष्ट्र नहीं छोड़ सकते हैं, साथ ही दोनों आरोपियों के पास एक-एक मोबाइल रहेगा, इसके साथ ही मोबाइल फोन कभी स्विच्ड ऑफ नहीं होगा, इसके साथ अपनी लोकेशन भी हमेशा ऑन रखेंगे, तो वहीं आरोपियों का फोन इस केस के इंचार्ज NIA अफसर से पेयर रहेगा। rn

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ये है मामला rn

बता दें कि पुणे में एल्गर परिषद सभा 31 दिसंबर 2017 को हुई थी। तो वहीं पुलिस के मुताबिक, इसकी फंडिंग नक्सलियों ने की थी। साथ ही पुलिस का आरोप था कि सभा में भड़काऊ भाषण के चलते पुणे के भीमा-कोरेगांव वॉर मेमोरियल पर अगले दिन यानी 1 जनवरी 2018 को हिंसा भड़क गई थी।rn

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बता दें कि गोंजाल्वेस और फरेरा को 2018 में मुंबई की तलोजा जेल भेजा गया था। बॉम्बे हाईकोर्ट से जमानत नामंजूर होने के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। दोनों ने कहा था कि हाईकोर्ट ने उनकी बेल एप्लीकेशन को खारिज कर दिया, जबकि सह-आरोपी सुधा भारद्वाज को जमानत दे दी।rn

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